LASSION-3 Computer Date=12/07/2022

Ranjit kumar

माइक्रोप्रोसेसर -: सीपीयू एक जटिल इलेक्ट्रानिक सर्किट होता है,यह सिलिकॉन की एक छोटी-छोटी पटटी पर बना होता है,जिसे बाहर से कनेक्शन लगाने के लिए पिने लगी होती है,यही माइक्रोप्रोसेसर कहलाता है/

इसी माइक्रोप्रोसेसर चिप को ध्यान में रखकर कंप्यूटर बनाया जाता है,कंप्यूटर की क्षमता का आधार ही माइक्रोप्रोसेसर हो गया है,कंप्यूटर की गति में निरंतर विकास होता रहा है /

अब काफी शक्तिशाली माइक्रोप्रोसेसर चिप मिलने लगी है,प्रत्येक कंप्यूटर में एक क्लॉक सर्किट होता है,जो घडी की तरह नियमित विघुत संकेत देता रहता है /

यह क्लॉक जिस तेजी से संकेत देती है,कंप्यूटर भी अपनी सगणनाए या अन्य कार्य उतनी तेजी से करता है /

इसकी रफ्तार को मेगाहटज यानि की एक सेकेण्ड के दस लाखवे हिस्से के रूप में आंका जाता है, माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता को बिट्स में आंका जाता है,पहले 8 बिट वाले कंप्यूटर होते था /

जबकि अब 16 से 32 बिट वाले प्रोसेसर होते है,अधिक बिट वाले प्रोसेसर का मतलब है,की अधिक क्षमता और तेज रफ्तार,बड़े कंप्यूटरों में सहायक प्रोसेसर चिप भी लगे होते है /

सिस्टम यूनिट -:सिस्टम यूनिट पावर हॉउस होता है,यह किसी भी पीसी की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है,यह एक बाक्स की तरह होता है,यह दो रूपों में आता है, ..........

डेस्कटौप और टावर टाइप कंप्यूटर के सभी इलेक्ट्रानिक सर्किट इसी बक्से में बंद होती है,इसी सर्किट बोर्ड में माइक्रोप्रोसेसर और अन्य आईसी (इंटिग्रेटेड सॉकेट) लगे होते है /

जो स्लाट्स कहलाते है,इसमे अनेक प्रकार के इंटरफेस कार्ड लगाये जाते है,एक कार्ड की-बोर्ड के लिए दूसरा मॉनिटर के लिए और तीसरा प्रिंट के लिए लगाया जा सकता है /

अन्य स्लाटरा में आवश्यकतानुसार कार्ड लगाकर कंप्यूटर को बहुदेशीय बनाया जाता है,

जैसे -:फैक्स,मॉडल,कार्ड,इंटरनेट,ध्वनि,फ़िल्म आदि /

कंप्यूटर की मेमोरी -:कंप्यूटर की मेमोरी दो प्रकार की होती है,अस्थायी एव स्थायी,अस्थायी नाम से ही स्पष्ट है,की इसका प्रयोग गणना करते समय किया जाता है /

जबकि स्थायी मेमोरी में सूचना हमेशा के लिए संगृहीत रहती है,आप अपनी आवश्यकता के अनुसार उसका उपयोग करते है /

अस्थायी मेमोरी का संबंध रैम (रैडम ऐक्सेस मेमोरी) तथा स्थायी मेमोरी का संबंध रोम (रीड आनली मेमोरी) से है /

रैम में लिखा गया डाटा परिमार्जन और परिवर्धन की दिष्टि से सरल होता है,आप इसे घटा और बड़ा सकते है /असल में रोम का निर्माण करते समय उसमे कुछ ऐसे प्रोग्राम भर देते है /

जिनकी आवश्यकता कंप्यूटर को हमेशा होती है,हा ,एक बात थोड़ी परेशानी वाली है---

इसमे हम अपनी इच्छानुसार,परिवर्तन नही कर सकते है,श्रमित की शक्ति और क्षमता किलोबाइट में आंकी जाती है /

जैसे -:पहले 640 किलोबाइट की रैम होती थी,मगर इन दिनों 64 मेगाबाईट से 320 मेगाबाईट की मेमोरी है,साथ ही अलग से चिप्स लगाकर मेमोरी और बढ़ाए जा सकती है /